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चाकू दिखाकर लूट : धारा 309(4),3(5) बीएनएस

सन्दर्भ : अप.क्र. 1197/2025, थाना सिविल लाईन  जिला बिलासपुर छ.ग. धारा 309(4),3(5) बीएनएस।  भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 309(4) के अनुसार,  जो कोई भी डकैती करेगा, उसे 10 साल तक के कठोर कारावास और जुर्माने की सज़ा हो सकती है ।  यदि डकैती सूर्यास्त और सूर्योदय के बीच राजमार्ग पर की जाती है, तो सज़ा को बढ़ाकर 14 साल तक किया जा सकता है।   भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 3(5) सामान्य आशय के सिद्धांत से संबंधित है।  इसके अनुसार,  जब कोई आपराधिक कार्य कई व्यक्तियों द्वारा एक सामान्य इरादे को आगे बढ़ाने के लिए किया जाता है, तो उनमें से प्रत्येक व्यक्ति उस अपराध के लिए उसी तरह जिम्मेदार होगा जैसे कि उसने वह अपराध अकेले किया हो ।  इसका मतलब है कि यदि एक समूह के सभी सदस्य मिलकर कोई अपराध करते हैं, तो हर सदस्य को सामूहिक रूप से दोषी माना जाएगा, भले ही उसने अपराध में सीधा योगदान न दिया हो।   ♦ लूटपाट करने वाले ऑटो चालक को थाना सिविल लाईन पुलिस ने किया गिरफ्तार। आरोपीगणो से घटना मे प्रयुक्त ऑटो क्रमाॅक ^^^^^ किया गया जप्त। *नाम आरोपी:ः- * 01. #####...

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सुने मकान में अश्लील फोटो वायरल की धमकी देकर दुष्कर्म : धारा - 69, 296, 351(2) बीएनएस

सन्दर्भ : अप0 क्र.- 1437/2025,थाना -सरकंडा, जिला-बिलासपुर (छ.ग.)  धारा - 69, 296, 351(2) बीएनएस धारा - 69, बीएनएस    :  कपटपूर्ण साधनों आदि का प्रयोग करके संभोग करना धारा - 296, बीएनएस :  जो कोई भी सार्वजनिक स्थान पर या उसके आसपास अश्लील कृत्य करता है या अश्लील गीत, गाथागीत या शब्द गाता है, उसे तीन महीने तक की कैद, ₹1,000 तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।  इस धारा का उद्देश्य सार्वजनिक स्थानों पर शालीनता बनाए रखना और दूसरों को परेशान होने से बचाना है।   बीएनएस की धारा 351(2) के तहत,  किसी व्यक्ति के सम्मान को ठेस पहुँचाने या उसे कोई कार्य करने के लिए मजबूर करने की धमकी देने वाले अपराधी को 2 साल तक की कैद या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं ।  इस धारा का उद्देश्य आपराधिक धमकी से संबंधित मामलों को संबोधित करना है।   आरोपी द्वारा अपने परिचित किसी महिला से मिलाने के नाम पीड़िता को खाली मकान में ले जाकर बनाया शारीरिक संबंध। आरोपी ने पीड़िता का अश्लील फोटो खींचकर वायरल करने की धमकी देकर किया बालात्कार। पीड़िता द्वारा विरोध करने पर आरोपी ने किया म...

चोरी का अवैध कबाड़ बिक्री करने के भेजने की तैयारी : धारा 35(1)BNSS/303 BNS

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 35(1) पुलिस को कुछ परिस्थितियों में बिना वारंट के किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का अधिकार देती है।  इन परिस्थितियों में किसी संज्ञेय अपराध के संबंध में पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में किसी व्यक्ति द्वारा अपराध करना, या किसी व्यक्ति के खिलाफ उचित शिकायत या विश्वसनीय जानकारी का होना शामिल है।     "303 बीएनएस" भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 303 को संदर्भित करता है , जो चोरी के अपराध और उसके दंड को परिभाषित करता है।  यह किसी अन्य व्यक्ति की सहमति के बिना उसकी चल संपत्ति को बेईमानी से छीनने को अपराध मानता है। धारा 303 बीएनएस के प्रमुख पहलू चोरी की परिभाषा :  चोरी को किसी भी चल संपत्ति को किसी व्यक्ति की सहमति के बिना उसके कब्जे से छीनने के इरादे से बेईमानी से स्थानांतरित करने के रूप में परिभाषित किया जाता है। "स्थानांतरण" का दायरा :  इसमें न केवल शारीरिक गतिविधि शामिल है, बल्कि किसी बाधा को हटाना या किसी वस्तु को किसी अन्य वस्तु या जमीन से अलग करना भी शामिल है।   सजा : पहली बार अपराध करने वाले :...

गौ माता के साथ अनाचार : धारा- 299 बीएनएस 11 (1) (ए) पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960

सन्दर्भ अपराध क्रमांक :   694/2025, थाना मस्तुरी, बिलासपुर  पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 की धारा 11 में उन सभी प्रकार के कृत्यों को "क्रूरता" के रूप में परिभाषित किया गया है जो पशुओं के प्रति अनावश्यक पीड़ा और कष्ट पहुंचाते हैं।  इनमें पशुओं को मारना, पीटना, अधिक लादना, आवश्यकता से अधिक काम लेना, पर्याप्त भोजन-पानी न देना, और घायल या बीमार पशुओं का इलाज न कराना शामिल है।  इस धारा के उल्लंघन पर दंड का प्रावधान है, जिसमें जुर्माना और कारावास दोनों शामिल हैं।   भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 299   धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने के उद्देश्य से किए गए जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्यों से संबंधित है ।  इसका अर्थ है कि कोई भी व्यक्ति जो जानबूझकर किसी धर्म या उसके धार्मिक विश्वासों का अपमान करता है, मौखिक, लिखित, संकेतों या इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से, उसे दंडित किया जा सकता है।   🔸 आरोपी को गिरफ्‌तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया । आरोपी का नाम :- ******* उम्र 30 साल पता-गतौरा थाना मस्तुरी जिला बिलासपुर विवरण :- मामले का सक्षिप्त विवरण...

चोरी : धारा - 331(4), 305(ए) बीएनएस

चोरी के 2 प्रकरणों को सुलझाने में सरकण्डा पुलिस को मिली सफलता। थाना - सरकंडा जिला - बिलासपुर (छ.ग.) अप.क्र. - 521/2025, धारा - 305(ए) बीएनएस अप.क्र. - 1431/2025, धारा - 331(4), 305(ए) बीएनएस दोनो प्रकरण में पृथक-पृथक मषरूका बरामद कर आरोपी को किया गया गिरफ्तार। आरोपी :- नाम #### उम्र 22 वर्ष निवासी अटल आवास नाग नागिन तालाब के पास बहतराई थाना सरकण्डा, जिला बिलासपुर (छ.ग.)  भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 331(4) के अनुसार,  कोई भी व्यक्ति जो रात में (सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले) किसी भी ऐसे अपराध को करने के इरादे से गुप्त रूप से घर में घुसता है या सेंध लगाता है, जिसे कारावास से दंडनीय बनाया गया है, तो उसे 5 साल तक की कैद और जुर्माने की सजा हो सकती है ।  यह एक संज्ञेय (cognizable) और गैर-जमानती (non-bailable) अपराध है।   भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 305,  आवास, परिवहन के साधनों या पूजा स्थलों में चोरी से संबंधित है, और यह अपराध के लिए सात साल तक की कैद और जुर्माना का प्रावधान करती है ।  यह धारा भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 380 का स्थान लेती ह...

युवा अधिवक्ता रवि सिंह राजपूत को विजयी बनाने युवा अधिवक्ताओं का निर्विरोध समर्थन

छत्तीसगढ़ राज्य विधिज्ञ परिषद के आगामी चुनावों में युवा अधिवक्ता रवि सिंह राजपूत के समर्थन में अधिवक्ता समुदाय में एक नई लहर देखी जा रही है। पूरे प्रदेश में प्रत्याशी अधिवक्तागण अपने अंतिम निर्णायक प्रयास के रूप में जोर-शोर से प्रचार अभियान चला रहे हैं और नए वोटर्स को रिझाने में लगे हुए हैं लेकिन अधिवक्ता रवि सिंह की मिलनसार शालीनता और जुझारूपन से युवा अधिवक्तागण जीत के लिए आश्वस्त नजर आ रहे है। अधिवक्ता रवि सिंह राजपूत ने कहा, " मैं छत्तीसगढ़ राज्य विधिज्ञ परिषद के चुनाव में एक नई दिशा और सोच के साथ उतरा हूं। मेरा लक्ष्य अधिवक्ताओं के हितों की रक्षा करना और उनकी समस्याओं का समाधान करना है। मैं अपने अनुभव और ज्ञान का उपयोग करके अधिवक्ता समुदाय के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध हूं। " समर्थकों का उत्साह  अधिवक्ता रवि सिंह राजपूत के समर्थकों में एक अलग ही उत्साह और जोश देखा जा रहा है। वे पूरे प्रदेश में जनसमर्थन जुटाने में सफल होते दिख रहे हैं और अधिवक्ता समुदाय के बीच एक नई उम्मीद की किरण जगा रहे हैं। निर्विरोध लहर छत्तीसगढ़ राज्य विधिज्ञ परिषद के चुनाव में अधिवक्ता रवि सिंह रा...

छत्तीसगढ़ राज्य विधिज्ञ परिषद निर्वाचन में चर्चित युवा हस्ताक्षर प्रत्याशी (क्र०74) को मिल रहा भारी समर्थन

कोंडागांव, दिनांक 16.09.2028 आज बस्तर संभाग के कोंडागांव में राज्य विधिज्ञ परिषद निर्वाचन के लिए युवा प्रत्याशी अधिवक्ता रवि सिंह राजपूत (प्रत्याशी क्रमांक 74 )ने समस्त अधिवक्तागण से वोट की अपील की. इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार सिंह जी ने बताया कि पूरे प्रदेश में माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार 11 साल बाद चुनाव हो रहा है, जिसमें युवा प्रत्याशी रवि सिंह राजपूत को चौतरफा समर्थन और आशीर्वाद प्राप्त हो रहा है. अधिवक्ता रवि सिंह राजपूत के समर्थन में अधिवक्ताओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है, जो उनके प्रति विश्वास और समर्थन को दर्शाता है. वरिष्ठ अधिवक्ता श्री धर्म प्रकाश यादव जी भारी संख्या में समर्थन कर रहें बस्तर संभाग के सभी अधिवक्तागण का आभार व्यक्त किया. वरिष्ठ अधिवक्ता श्री दिलीप सिंह क्षत्रिय जी ने सहयोगियों का उत्साह और समर्थन देखकर उन्होंने कहा हमें विश्वास है कि ,अधिवक्ता रवि सिंह राजपूत अपनी युवाओं की ऊर्जा और वरिष्ठ अधिवक्ताओं के अनुभव के साथ राज्य विधिज्ञ परिषद में अधिवक्ताओं के हितों की रक्षा और उनके अधिकारों के लिए काम करेंगे. भारी संख्या में अधिवक्तागण उपस्थित थे.